कोटा में एंबिएंस ट्रस्ट और अभिभाषक परिषद ने मिलकर लगाया आयुर्वेद चिकित्सा सेवा शिविर
MHR News Network

कोटा, 17 जून 2025। एंबिएंस केरला आयुर्वेदिक चैरिटेबल ट्रस्ट कोटा द्वारा एक दिवसीय विशाल आयुर्वेद चिकित्सा सेवा शिविर मंगलवार को जिला न्यायालय के अभिभाषक हॉल में आयोजित किया गया। बार एसोसिएशन हॉल में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर आयोजित हुआ और न्यायिक परिवार ने खुले मन से उसका स्वागत किया। एक दिवसीय विशाल आयुर्वेद चिकित्सा सेवा शिविर में नाड़ी परीक्षण, रोग परामर्श और पंचकर्म चिकित्सा की सेवाएं मौजूद रही। शिविर में 550 से अधिक पंजीयन लाभान्वित हुए।
न्यायिक अधिकारीयों, कर्मचारी और वरिष्ठ अधिवक्ता भी शिविर में सक्रिय भागीदार बने, जिससे यह आयोजन मात्र शिविर नहीं, बल्कि आयुर्वेद और न्यायिक जीवनशैली के संगम का सजीव उदाहरण बन गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्यनारायण व्यास ने उद्घाटन करते हुए इस आयोजन को तन-मन के स्वास्थ्य का महापर्व बताया। उन्होंने भी स्वयं चिकित्सा सेवाएं लीं और अनुभव साझा करते हुए कहा भीषण मानसिक और शारीरिक दबावों के बीच आयुर्वेद एक संतुलन देने वाली प्रणाली है। ऐसे शिविर न्यायिक व्यवस्था से जुड़े लोगों के लिए अमूल्य हैं।
- अभिभाषक परिषद और ट्रस्ट का समर्पण :
अभिभाषक परिषद अध्यक्ष मनोज पुरी ने इस शिविर को न्यायिक क्षेत्र की नई पहल बताते हुए कहा कि यह आयोजन भविष्य में न्यायिक स्वास्थ्य संस्कृति का बीज बोने जैसा है। उन्होंने एंबिएंस केरला आयुर्वेदिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दिए गए समर्पित सहयोग की खुले दिल से प्रशंसा की।
- यह एक मानवीय चिकित्सा आंदोलन है - डॉ. विजय सरदाना :
विशिष्ट अतिथि डॉ. विजय सरदाना ने कहा कि यह शिविर केवल रोग निवारण तक सीमित नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक, मानव-केंद्रित चिकित्सा संस्कृति को पुनर्जीवित करने का प्रयास है। उन्होंने आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों और प्रभावी उपायों पर प्रकाश डाला।
- आयुर्वेद वरदान है, इसे जन-जन का अभियान बनाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है – डॉ. मोहनलाल वर्मा
शिविर के दौरान आयुर्वेद विभाग कोटा संभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. मोहनलाल वर्मा ने इसे स्वास्थ्य जगत में एक वरदान की संज्ञा देते हुए कहा आयुर्वेद केवल चिकित्सा नहीं, यह जीवन का विज्ञान है। इसे जन-जन तक पहुँचाना न केवल हमारा नैतिक कर्तव्य है, बल्कि यह सामाजिक धर्म भी है। उन्होंने इस शिविर को मानवता की सेवा में समर्पित एक अनुकरणीय पहल बताया।
- विधिक समुदाय की गरिमामयी उपस्थिति :
इस अवसर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट, बार एसोसिएशन, मुंशी संघ, टंकण संगठन, तथा विधिक समुदाय से जुड़े विभिन्न गणमान्यजनों ने भी उपस्थिति दर्ज करवाई। सभी ने आयुर्वेद चिकित्सा सेवाओं का अनुभव लिया और आयोजकों के प्रयास की सराहना की। इन संगठनों से जुड़े सदस्यों ने नाड़ी परीक्षण, औषधि परामर्श और पंचकर्म सेवाओं का लाभ लेते हुए इस पहल को तनावग्रस्त न्यायिक जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
- आभार और संकल्प – दीपा सुबिन :
एंबिएंस केरला आयुर्वेदिक चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमती दीपा सुबिन ने सभी प्रतिभागियों, चिकित्सकों, स्वयंसेवकों और न्यायिक परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा यह शिविर अब केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि आगामी परंपराओं का शुभारंभ है। ट्रस्ट आगे भी ऐसे सेवा कार्य करता रहेगा। मंच संचालन नीता डांगी द्वारा प्रभावी और गरिमामय अंदाज़ में संपन्न हुआ।
इस शिविर ने साबित किया कि जब न्याय और चिकित्सा एक ही मंच पर आते हैं, तो वह समाज के लिए नई चेतना का संचार करते हैं। 550 से अधिक अधिवक्ता, नाड़ी परीक्षण, पंचकर्म अनुभूति, औषधि वितरण, चिकित्सा सम्मान सबने मिलकर इसे एक भव्य, ऐतिहासिक और यादगार आयोजन बना दिया।
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