बद्री प्रसाद गौतम: पत्रकारिता के पुरोधा, गौसेवा के प्रहरी और सामाजिक सौहार्द के प्रतीक
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(विशेष लेख : मीडिया हाउस राजस्थान न्यूज़ एजेंसी) कोटा, राजस्थान।
जब हम कोटा की पत्रकारिता, जनसेवा और ब्राह्मण समाज की सामाजिक चेतना की बात करते हैं, तो एक नाम स्वाभाविक रूप से सामने आता है बद्री प्रसाद गौतम। वे न केवल कोटा शहर के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, बल्कि एक ऐसे परिवार के मुखिया भी हैं, जो पूरे समर्पण के साथ समाज सेवा, धर्म, पर्यावरण और पशु-पक्षी, गौ रक्षा जैसे क्षेत्रों में लगातार कार्य कर रहे है। बद्री प्रसाद गौतम पिछले 35 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। राजस्थान की मिट्टी से जुड़ा एक साधारण लेकिन ऊर्जावान व्यक्तित्व, जिन्होंने अपनी पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, पर्यावरण प्रेम और गौसेवा से कोटा सहित राजस्थान व भारतवर्ष में एक आदर्श प्रस्तुत किया हैं। सरल सज्जन व्यक्तित्व के धनी हैं।
- गांव की मिट्टी से निकला एक उज्जवल दीपक:
राजस्थान के एक छोटे लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध गाँव भण्डेडा (पंचायत नेनवा, जिला बूंदी) में जन्मे बद्री प्रसाद गौतम का जीवन एक सामान्य परिवार से निकलकर असाधारण योगदान तक की प्रेरक यात्रा है। उनके पिता खेती करते हुए राजपुरोहित के रूप में धार्मिक और सामाजिक परंपराओं को निभाते थे। धार्मिक कार्यों, यज्ञ, कथा-भागवत में भी वे सेवा भाव से जुड़े रहे। मां ने गृहस्थ जीवन में परिवार को समायोजित बनाएं रखा। बद्री प्रसाद गौतम परिवार में नौ भाई बहन हैं।
- मंगल वर्धनी, मार्केट बादशाह समाचार पत्र:
जनसरोकारों की आवाज़ बद्री प्रसाद गौतम द्वारा संपादित और संचालित लोकप्रिय समाचार पत्र “मंगल वर्धनी” एवं मार्केट बादशाह कोटा सहित राजस्थान और देशभर में एक विश्वसनीय जन-पत्र के रूप में जाना जाता है। व्यवसायिक, नेता, अधिकारी और अफसर वर्ग भी इन पत्र को गम्भीरता से पढ़ते हैं, क्योंकि इसकी रिपोर्टिंग निष्पक्ष, तथ्यात्मक और समाजहित में होती है। अखबार ने हमेशा जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी चाहे वह प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता हो, व्यापारियों की समस्याएं हों या फिर पर्यावरण एवं पशु कल्याण के सवाल महत्वपूर्ण है। सम्पूर्ण परिवार सदस्य सुबह से देर रात सेवा कायदे और धर्म भाव से जुटे रहते हैं।
- 1986 से आज तक धर्मपत्नी महिमा गौतम:
जीवन की सबसे बड़ी शक्ति : गौतम जी की जीवन संगिनी महिमा गौतम से उनका विवाह वर्ष 1986 में हुआ था। वे न केवल एक पत्नी हैं, बल्कि एक सच्ची भाग्यविधाता और सहधर्मिणी हैं, जिन्होंने हर कठिन समय में उनका मनोबल बनाए रखा। बद्री प्रसाद गौतम सार्वजनिक रूप से यह मानते हैं कि महिमा मेरी ताकत, मेरा संबल और मेरा भाग्य हैं। उनके सहयोग के बिना मैं कुछ भी नहीं था। उनकी धर्मपत्नी पारिवारिक परंपराओं, धार्मिक मूल्यों और सामाजिक मर्यादा की सजीव मूर्ति हैं। उन्होंने अपने दोनों पुत्रों को संस्कार, सेवा और जिम्मेदारी की शिक्षा दी है। बद्री प्रसाद गौतम कहते हैं महिमा सिर्फ मेरी पत्नी नहीं, मेरी आत्मिक शक्ति हैं जीवन के हर संघर्ष में उन्होंने साथ निभाया।
- घर में 'अखंड ज्योति' और ‘नित्य हवन’ -
तपस्वी घराने की परंपरा गौतम परिवार की सबसे अनूठी बात यह है कि घर में प्रतिदिन “हवन” होता है और अखंड ज्योति जलती है। यह परंपरा केवल धार्मिक नहीं बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत, परिवार में शांति व समृद्धि का कारण, आने वाली पीढ़ियों को संस्कार देने का जीवंत माध्यम है। बड़े पुत्र चेतन गौतम सामाजिक कार्यकर्ता के ससुर सत्य प्रकाश गौतम बारां जिले के प्रभावशाली शिवसेना नेता हैं उनकी बेटी वैशाली से चेतन का विवाह हुआ है उनके एक पुत्री धनिक्षा भी है। छोटे पुत्र कौशल गौतम विवाह संबंध श्योपुर (म.प्र.) के दिग्गज नेता डॉ किशनचंद्र शर्मा कि सुपुत्री ज्योति से हुआ है।
- गौसेवा, पर्यावरण और पशु-पक्षी प्रेम:
बद्री प्रसाद गौतम की जीवन साधना : बद्री प्रसाद गौतम न केवल पत्रकार हैं, बल्कि गौ माता के अटूट भक्त, पक्षी प्रेमी, और पर्यावरण रक्षक भी हैं। वे अक्सर घायल गौवंश की सेवा में स्वयं लगते हैं और अपने संसाधनों से पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने कोटा में कई स्थानों पर परिंडे, पौधारोपण अभियान और गौसेवा शिविर आरंभ करवाए हैं, जो आज एक सामाजिक चेतना का स्वरूप ले चुके हैं। बद्री प्रसाद गौतम कोटा में गौतम छात्रावास के 15 वर्ष तक अध्यक्ष रहे वर्तमान में संरक्षक भी है। गौतम समाज के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। कोटा गेपरनाथ महादेव मंदिर सेवा समिति के प्रचार मंत्री भी रहे। कोटा साबरमती विकास समिति के महामंत्री रहे। राजस्थान पशु पक्षी पर्यावरण समिति के संरक्षक भी रहे। ज्योतिष क्षेत्र में राष्ट्रीय महासचिव भी रहे। राजस्थान पुलिस के जिला सीएलजी सदस्य रहते हुए अपराध नियंत्रण और विविध व कानूनी कार्यक्रम भी आयोजित किए। बद्री प्रसाद गौतम लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सहित विभिन्न नेता, अधिकारी व शासन-प्रशासन के करीबी और लोकप्रिय भी माने जाते हैं। कोविड काल में सपरिवार निरंतर सेवा कार्य करते रहे।
- परिवार: समाज सेवा का एकजुट संगठित उदाहरण :
बद्री प्रसाद गौतम की सबसे बड़ी शक्ति है उनका परिवार। उनके दो पुत्र चेतन और कौशल भी समाजसेवा में अग्रसर हैं और अपने पिता के पदचिह्नों पर चल रहे हैं। यह परिवार सिर्फ एक घर नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्था बन चुका है जहाँ हर सदस्य का लक्ष्य है सेवा, संवाद और संस्कृति का संवर्धन है। उनका संयुक्त परिवार एक आदर्श ब्राह्मण परिवार के रूप में देखा जाता है, जो परंपरा, समर्पण और सामाजिक सहभागिता का उदाहरण है। परिवार की दोनों बहुएं वैशाली और ज्योति अपनी सांस महिमा गौतम के साथ बराबर से सामाजिक और धार्मिक कार्यों में योगदान दे रही हैं पौती धनिक्षा भी निरंतर पूजा पाठ, पौधारोपण इत्यादि कार्य में रुचि रखती है। यह एक परिवार नहीं संस्कारशील आश्रम प्रतीत होता है।
- ब्राह्मण समाज में भूमिका और नेतृत्व :
बद्री प्रसाद गौतम ने ब्राह्मण समाज के उत्थान, एकता और जागरूकता के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए हैं। चाहे सांस्कृतिक आयोजन हों, प्रतिभा सम्मान समारोह हों या आर्थिक रूप से कमजोर ब्राह्मण परिवारों की सहायता वे हमेशा सबसे आगे रहते हैं। ब्राह्मण समाज में उनका नाम सम्मान, भरोसे और नेतृत्व का पर्याय है।
- संगठनों से जुड़ाव:
संवाद और समर्पण ग्रेटर प्रेस क्लब कोटा के कोषाध्यक्ष के रूप में वे पत्रकारों की समस्याओं, मान्यता और सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए लगातार संघर्षरत हैं। कोटा व्यापार महासंघ सलाहकार निदेशक है वे व्यापारियों की समस्याओं की पैरवी करते हैं, प्रशासन और व्यापार समुदाय के बीच एक मजबूत संवाद का सेतु बनकर खड़े हैं। राजस्थान की कई सामाजिक, पर्यावरणीय और धार्मिक संस्थाओं से वे सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। बद्री प्रसाद गौतम को अनूठे सेवा कार्यों के लिए पत्रकार रत्न, गौप्रेमी रक्षक, ब्राह्मण गौरव सेवा सम्मान, प्रेस प्रहरी जैसे अनेकों खिताबों और सम्मानों से उन्हें नवाजा गया है। उनकी कार्यशैली, सहजता और समाज के प्रति समर्पण उन्हें राजस्थान के श्रेष्ठतम जननेताओं की श्रेणी में ला खड़ा करता है।
- बद्री प्रसाद गौतम :
कोटा की आत्मा के सजग प्रहरी बद्री प्रसाद गौतम जी केवल पत्रकार नहीं, बल्कि एक विचारधारा, एक आंदोलन, और एक प्रेरणा हैं। उनका जीवन हमें सिखाता है कि कलम, करुणा और कर्म जब एक साथ चलते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन निश्चित होता है। कोटा उन्हें आज एक गौरव, एक मार्गदर्शक और एक आदर्श पिता व समाजसेवी के रूप में देखता है।
- कट्टर सनातनी व यज्ञ, हवन और धर्मपालन के प्रतीक :
बद्री प्रसाद गौतम न केवल पत्रकार हैं, बल्कि एक पूर्ण "कट्टर सनातनी" पुरुष हैं। उनका जीवन धर्म के अनुष्ठानों और सनातन संस्कृति की सच्ची परंपराओं से जुड़ा हुआ है। वे प्रतिदिन हवन करते हैं। अखंड ज्योति जलाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार यज्ञ व कर्मकांड करते हैं। धार्मिक पर्व, व्रत और पुरोहितीय नियमों का पालन करते हैं। सनातन धर्म में विश्वास करना एक विचार नहीं, एक जीने की विधि है और बद्री प्रसाद गौतम इसे पूरी श्रद्धा से निभा रहे हैं। पूरे परिवार में धर्म व संस्कृति का गहरा प्रभाव है। जहां कलम में अग्नि हो, घर में हवन हो, जीवन में सनातन हो वहां परिवर्तन और परंपरा दोनों जीवित रहते हैं। बद्री प्रसाद गौतम जी एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जो पत्रकारिता की मशाल, परिवार की रीढ़, धर्म का दीपक और सनातन संस्कृति के जीवंत प्रतीक हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि आधुनिकता और अध्यात्म एक साथ चल सकते हैं जब व्यक्ति सच्चा हो और मार्ग स्पष्ट होता है।
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