रैगिंग से तंग आकर छात्र ने छोड़ी यूनिवर्सिटी, स्थाई लोक अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला
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पूर्णिमा यूनिवर्सिटी को छात्र को लौटाने होंगे ₹1.11 लाख और केस खर्च, 9% ब्याज के साथ देना होगा हर्जाना
जयपुर। रैगिंग की मार झेल रहे एक इंजीनियरिंग छात्र को पूर्णिमा यूनिवर्सिटी छोड़नी पड़ी, लेकिन अब उसे स्थायी लोक अदालत से न्याय मिला है। अदालत ने विश्वविद्यालय को आदेश दिया है कि वह छात्र को ₹1,11,918 की राशि लौटाए, साथ ही केस से जुड़े ₹22,000 का खर्च और पूरी रकम पर 9% सालाना ब्याज भी चुकाए।
मामला प्रथम वर्ष के एक छात्र से जुड़ा है, जिसे यूनिवर्सिटी में रैगिंग का शिकार होना पड़ा। छात्र ने शिकायत की, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की कोई जांच नहीं की। अंततः छात्र को मजबूरी में दूसरे संस्थान में दाखिला लेना पड़ा, जिसकी फीस भी परिजनों को दोबारा भरनी पड़ी।
छात्र के परिजनों ने इस मामले को स्थाई लोक अदालत में पहुंचाया, जहां सुनवाई के बाद अदालत ने विश्वविद्यालय की लापरवाही को गंभीर माना और छात्र को हुए मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक नुकसान के लिए उचित हर्जाना देने का आदेश दिया। यह फैसला ना सिर्फ छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा की मिसाल है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों को भी उनके कानूनी दायित्व की याद दिलाता है कि रैगिंग जैसी घटनाओं पर सख्त कदम उठाना उनकी जिम्मेदारी है।
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