लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को दी चेतावनी: संसद को 'सड़कछाप' व्यवहार से बचाएं
News By MHR DIGITAL Media House Rajasthan (All India Media House Association)

रिपोर्टर: मीडिया हाउस राजस्थान ब्यूरो, नई दिल्ली।
संसद का मानसून सत्र 2025 इस बार विवादों और हंगामों से घिरा रहा। विपक्षी दलों के लगातार हंगामे और कार्यवाही में अवरोध के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिर्ला ने सख्त रुख अपनाते हुए सांसदों को ‘सड़कछाप व्यवहार’ से बचने की चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में मर्यादा और शिष्टाचार का पालन अनिवार्य है। लोकसभा में लगातार पांच दिन तक विपक्ष की ओर से लगाए गए नारेबाज़ी और बैनर प्रदर्शन के कारण कार्यवाही बाधित रही। अध्यक्ष बिर्ला ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, यह आचरण न केवल संसदीय गरिमा के खिलाफ है, बल्कि देश की जनता के विश्वास को भी ठेस पहुँचाता है।
- सभी दलों की बैठक में सर्वसम्मति :
रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में ओम बिर्ला ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे संसद की गरिमा बनाए रखते हुए सदन में हिस्सा लें। बैठक में सहमति बनी कि सोमवार से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाई जाएगी।
- ऑपरेशन सिन्दूर पर संसद में होगी विशेष चर्चा :
28 जुलाई को लोकसभा में "ऑपरेशन सिन्दूर" पर 16 घंटे लंबी चर्चा प्रस्तावित है। इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी बात रख सकते हैं। यह ऑपरेशन हाल ही में भारत की सीमाओं पर शांति स्थापित करने और आतंकी गतिविधियों को कुचलने के लिए किया गया था।
- न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया :
लोकसभा में जल्द ही न्यायाधीश यशवंत वर्मा के विरुद्ध महाभियोग प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। अध्यक्ष ओम बिरला ने संकेत दिए हैं कि अगले 8–10 दिनों में इस पर तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया जाएगा। स्पीकर ओम बिरला ने जिस स्पष्टता और दृढ़ता से लोकसभा की गरिमा बनाए रखने की पहल की है, वह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक मजबूत संदेश है। संसद को जनविश्वास का केंद्र बनाए रखने हेतु सभी दलों को सहयोग देना चाहिए।
Exclusive रिपोर्ट | मीडिया हाउस राजस्थान डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क
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