पंकज बागड़ी: अभिनय से आत्म-समर्पण तक नेतृत्व की एक प्रेरक परिभाषा
Life Story Social Worker Pankaj Bagdi Kota by Media House Rajasthan - MHR NEWS NETWORK 🛜

विशेष लेखन : आर.एस. सामरिया (संपादक- मीडिया हाउस राजस्थान)
जब किसी व्यक्ति के भीतर कला की संवेदनशीलता, सेवा की भावना और व्यापार की दृष्टि एक साथ जागृत हो जाए तब वह सिर्फ एक नाम नहीं रह जाता, वह विचार बन जाता है। पंकज बागड़ी ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने राजस्थान के सीकर जिले दातारामगढ़ के बाय गांव से उठकर कोटा सहित समूचे हाड़ौती क्षेत्र को सामाजिक नेतृत्व, सांस्कृतिक चेतना और व्यापारिक सशक्तिकरण की नई पहचान दी है।
- संस्कारों से संकल्प तक: प्रारंभिक जीवन :
पिता श्री कन्हैयालाल बागड़ी एक अनुभवी आयुर्वेदिक वैद्य के रूप में आज भी सेवा के मार्ग पर निस्वार्थ डटे हुए हैं, वहीं माता लक्ष्मी देवी से उन्हें धार्मिक अनुशासन और नैतिक मूल्यों की प्रेरणा मिली। पंकज बागड़ी का बचपन खानपुर और फिर कोटा में बीता। कोटा के गुमानपुरा मल्टीपरपज स्कूल से शिक्षा प्राप्त कर उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई कॉमर्स कॉलेज से पूर्ण की। पंकज बागड़ी चार भाइयों और दो बहनों के संयुक्त परिवार से आते हैं।
- व्यापार में नेतृत्व और संगठन का विजन :
एक सामान्य दुकान से व्यापारिक यात्रा शुरू करने वाले पंकज बागड़ी ने समय के साथ कोटा, बारां, बूंदी और झालावाड़ के थोक व्यापारियों को जोड़ते हुए “हाड़ौती होलसेल व्यापार महासंघ” की नींव रखी। अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जीएसटी की जटिलताओं से लेकर मार्केट ट्रैफिक, लाइसेंसिंग और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रशासन से सीधे संवाद स्थापित कर व्यापारी हितों की मुखर आवाज बने। उनकी सोच में व्यापार केवल लाभ का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के लिए उत्तरदायित्व निभाने का अवसर है। उन्होंने रक्तदान शिविर, शिक्षा सहयोग, पौधारोपण, जल सेवा, राशन वितरण और चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान दिया।
- कला में संवेदना और पहचान का विस्तार :
मुंबई में अभिनय की विधिवत शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने 'हर्ष क्रिएशन' नामक प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की और 'टी-सीरीज', 'विनस', 'सोनोटेक', 'चंदा कैसेट्स' जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ कार्य किया। राजस्थानी लोक संस्कृति को जीवंत रखने हेतु उन्होंने “पीली लुगड़ी”, “मेडम बैठ बुलेरो में”, “उमराव थारी बोली प्यारी लागे” जैसे प्रसिद्ध गीतों में अभिनय कर कला को जन-जन तक पहुंचाया। वे कुछ समय के लिए Vinus Music के प्रमुख भी रहे। उनकी कला केवल मंच तक सीमित नहीं रही, वह जनसंवाद और सांस्कृतिक चेतना का माध्यम बनी। उन्हें कोटा नगर निगम, व्यापार मंडलों, सांस्कृतिक संस्थाओं और प्रशासन द्वारा अनेक बार सम्मानित किया गया है।
- पारिवारिक प्रेरणा और नई पीढ़ी :
उनकी पत्नी मीना बागड़ी एक दृढ़ संकल्पित गृहिणी हैं। बेटियाँ डॉ. प्रियंका बागड़ी (ओरल सर्जन) व पारुल बागड़ी (फिल्म प्रोड्यूसर), और पुत्र हर्षुल बागड़ी (एनिमेशन आर्टिस्ट व फिल्म मेकर) सभी अपने-अपने क्षेत्रों में एक अलग पहचान रखते हैं। उनका यूट्यूब चैनल ‘Tiny Toon’ युवाओं में प्रेरणादायक कंटेंट के लिए जाना जाता है। पंकज बागड़ी नेतृत्व को शक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि सेवा का समर्पण मानते हैं। उनके विचारों में विनम्रता, कर्म में संतुलन और संवाद में समाधान स्पष्ट झलकते हैं। जब समाज नेतृत्व में विश्वास और संवेदना की तलाश करता है, तब पंकज बागड़ी जैसे व्यक्तित्व मार्गदर्शक बनते हैं। पंकज बागड़ी एक सजीव उदाहरण हैं कि कैसे एक व्यक्ति कला, व्यापार और सेवा के माध्यम से समाज को सशक्त दिशा दे सकता है। वह न केवल एक अभिनेता हैं, न केवल एक व्यापारी या समाजसेवी बल्कि राजस्थानी आत्मा का वह उजास हैं जो आधुनिक युग में भी अपनी परंपरा, मूल्य और संस्कारों को जीवंत बनाए रखे हुए है।
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