आयुर्वेद के पुनर्जागरण की ऐतिहासिक पहल: कोटा में हुआ भव्य निःशुल्क आयुर्वेद स्वास्थ्य शिविर
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आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान और आधुनिक जीवनशैली के संगम का एक अद्भुत दृश्य मंगलवार को कोटा जिला न्यायालय परिसर में देखने को मिला, जब एंबिएंस केरला आयुर्वेदिक चैरिटेबल ट्रस्ट कोटा द्वारा आयोजित एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर में हजारों लोगों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे श्रीमान सत्यनारायण व्यास, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटा, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को विशिष्टता प्रदान की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. विजय सरदाना तथा डॉ. मोहनलाल वर्मा, अतिरिक्त निदेशक, आयुर्वेद विभाग कोटा संभाग ने शिरकत की और आयुर्वेद की वैज्ञानिकता पर अपने विचार रखे। शिविर की अध्यक्षता की श्री मनोज पुरी, अध्यक्ष, अभिभाषक परिषद कोटा ने, जिन्होंने आयुर्वेद को “वर्तमान समय की सबसे बड़ी जीवनशैली चिकित्सा” बताते हुए ट्रस्ट की पहल की सराहना की। कार्यक्रम की मुख्य आयोजक एवं अध्यक्ष दीपा सुप्रीम, एंबिएंस केरला आयुर्वेदिक चैरिटेबल ट्रस्ट कोटा की ओर से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उपस्थित अधिवक्ताओं, न्यायिक अधिकारियों और कर्मचारियों को विभिन्न आयुर्वेदिक चिकित्सा विधियों का निःशुल्क परीक्षण एवं उपचार उपलब्ध कराया।
विशेष रूप से शिरोधारा, पंचकर्म थेरेपी, नेत्र चिकित्सा, बॉडी मसाज, तथा अन्य पारंपरिक और पौराणिक आयुर्वेदिक विधाओं को शिविर में प्रदर्शित किया गया, जिससे लोगों को रोग निवारण के साथ-साथ मानसिक और शारीरिक शांति का अनुभव हुआ। इस शिविर ने न्यायिक समुदाय के साथ-साथ आमजन के बीच यह संदेश स्पष्ट किया कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली केवल उपचार नहीं, बल्कि जीवन का एक संपूर्ण विज्ञान है। एंबिएंस केरल आयुर्वेदिक ट्रस्ट द्वारा यह प्रयास एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक उदाहरण है, जो आने वाले समय में आयुर्वेदिक जागरूकता के एक नए युग की शुरुआत साबित होगा।
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