कोटा में बाल सुरक्षा को लेकर कार्यशाला का आयोजन
News By MHR DIGITAL Media House Rajasthan

कोटा। मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला बाल संरक्षण इकाई व सृष्टि सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बाल सुरक्षा व अधिकारों को लेकर समन्वित कार्रवाई पर जोर दिया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोटा की सचिव एवं अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गीता चौधरी ने की। कार्यक्रम में बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विभागों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस कार्यशाला में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोटा ग्रामीण धनफूल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक गंगा सहाय, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई रामराज मीणा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, मानव तस्करी निरोधक इकाई के प्रभारी निरीक्षक शौकत अली, निरीक्षक बबीता (कोटा शहर), श्रम विभाग की निरीक्षक निशी शर्मा, संरक्षण अधिकारी दिनेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता भुवनेश शर्मा, जीआरपी उप निरीक्षक अशोक, चाइल्ड लाइन कोऑर्डिनेटर नरेश मीणा, जिला समन्वयक भूपेंद्र सिंह, व विभिन्न शेल्टर होम्स व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने एकमत होकर कहा कि बच्चों की तस्करी एक जटिल और गंभीर समस्या है, जिससे निपटने के लिए विभिन्न विभागों और संस्थाओं के बीच मजबूत समन्वय आवश्यक है। वक्ताओं ने कहा कि तस्करी से मुक्त कराए गए बच्चों को समयबद्ध न्याय और पुनर्वास की दिशा में ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
सृष्टि सेवा समिति के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि उनकी संस्था पिछले वर्ष में 70 से अधिक बच्चों को बाल श्रम, बाल विवाह और तस्करी से मुक्त करा चुकी है। संस्था ने यह भी रेखांकित किया कि तस्करी केवल बाल मजदूरी या यौन शोषण तक सीमित नहीं है, बल्कि जबरन विवाह के मामले भी बड़ी संख्या में सामने आते हैं, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस मौके पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजेंद्र राठौर ने अपने अनुभव साझा किए, जबकि सहायक निदेशक रामराज मीणा ने कहा कि फील्ड में कार्यरत टीमों को और अधिक सशक्त करने की जरूरत है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता चौधरी ने सभी संबंधित एजेंसियों से आपसी तालमेल और सूचना साझेदारी को सुदृढ़ बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि समन्वित प्रयासों के बिना बच्चों की तस्करी जैसी विकराल समस्या पर प्रभावी रोकथाम संभव नहीं है। गौरतलब है कि सृष्टि सेवा समिति देश के सबसे बड़े बाल अधिकार नेटवर्क ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (JRC) की भागीदार संस्था है और कोटा जिले में बाल अधिकारों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम के दौरान यह भी बताया गया कि हाल ही में जुलाई माह में सृष्टि सेवा समिति ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के साथ मिलकर कोटा रेलवे स्टेशन पर जनजागरूकता अभियान भी चलाया था, जिसमें यात्रियों को बाल तस्करी की रोकथाम के प्रति संवेदनशील किया गया। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला के अंत में यह प्रतिबद्धता जताई कि बच्चों के हितों की रक्षा और मानव दुर्व्यापार की रोकथाम के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे।
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