कोटा-बून्दी की स्वास्थ्य परियोजनाओं को लेकर दिल्ली में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित
Special Medical Meeting by Loksabha Speeker Om Birla New Delhi by MHR DIGITAL INDIA

(रविशंकर सामरिया) कोटा, 28 जुलाई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोटा-बून्दी संसदीय क्षेत्र में स्वास्थ्य परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन अपेक्षाओं के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ और बेहतर हों, यही हमारा संकल्प है, इसलिए हर स्तर पर ठोस और त्वरित कार्रवाई जरूरी है।
बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बजट में स्वीकृत सभी परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। जिन फाइलों की स्वीकृति वित्त विभाग में लंबित है, उन्हें शीघ्र अग्रेषित कराया जाए। एनएचएम फंड का उपयोग पारदर्शिता और प्राथमिकता के आधार पर हो। उन्होंने कहा कि ढांचागत विकास के साथ संसाधनों की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें। उन्होंने प्राथमिकता से उन पीएचसी, सीएचसी और सब-सेंटर्स की मरम्मत करवाने को कहा जहां आवश्यकता है। साथ ही क्षेत्र के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में रिक्त पदों की समीक्षा कर शीघ्र नियुक्तियों की कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए।
बैठक में कोटा एवं बून्दी जिलों के लिए 208 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत 64 नवीन कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही, कोटा जिला अस्पताल के लिए मल्टीस्टोरी भवन निर्माण, इटावा और रामगंजमंडी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को क्रमशः उप जिला चिकित्सालय और जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत करने, सिमल्या के पीएचसी को सीएचसी में बदलने, सांगोद के काशीपुरी सीएचसी को उप जिला अस्पताल में अपग्रेड करने की बजट घोषणा पर भी चर्चा की गयी। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज कोटा में 120 बेड का स्पाइनल इंजरी सेंटर, 150 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर यूनिट की स्थापना, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक आयुष्मान मॉडल सीएचसी, लाडपुरा के मंडाना में ट्रॉमा सेंटर, मेडिकल कॉलेज में फाइब्रो स्कैन मशीन और 100 बेड के मातृ एवं शिशु विंग के लिए स्टाफ व उपकरणों की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई।
बिरला ने निर्देश दिए कि इन सभी कार्यों के लिए स्वीकृति की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाए। बैठक में बून्दी जिले के कापरेन, इंद्रगढ़ और डाबी में सीएचसी की बेड क्षमता बढ़ाने, गरडदा उप स्वास्थ्य केंद्र को पीएचसी में क्रमोन्नत करने तथा बून्दी के पुराने अस्पताल भवन में डायलिसिस सुविधा के विस्तार के प्रस्तावों की भी समीक्षा की गई।
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