स्पीकर ओम बिरला ने किया के.पाटन-कापरेन का दौरा, प्रभावित परिवारों की पीड़ा साझा की
News By MHR NEWS Media House Rajasthan Digital News Agency
मीडिया हाउस राजस्थान/कोटा/केशवरायपाटन/कापरेन :
अतिवृष्टि और जलभराव से प्रभावित केशवरायपाटन और कापरेन क्षेत्र में शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दौरा कर हालात का जायज़ा लिया। सबसे पहले स्पीकर बिरला कोटा से केशवरायपाटन पहुंचे, यहां बंजारा बस्ती में उन्होंने जलमग्न इलाकों का निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से संवाद कर उनकी पीड़ा को सुना।
ॐ Birla अधिकारियों से कहा कि बस्ती से जलनिकासी की समुचित व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित की जाए, जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका तत्काल सर्वे हो। राहत कार्यों में किसी प्रकार की शिथिलता न हो। बिरला ने कहा कि ग्रामीणों को फूड पैकेट व शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाए जाए।
सभी अधिकारी और संबंधित एजेंसिया मुस्तैद रहे। एनडीआरफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की कंपनियां आपात स्थिति से निपटने के लिए तुरंत तैयार रहे। खेतों में भरे पानी कि निकासी के लिए सीएडी द्वारा ड्रेन खुदवाई जावे, आवश्यकता होने पर अतिरिक्त फोर्स को तुरंत प्रभाव से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में बुलवाए।
इस दौरान पूर्व विधायक चन्द्रकांता मेघवाल, प्रशासनिक अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। ओम बिरला ने प्रशासन द्वारा बनाए गए आश्रय स्थल में लोगों से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब तक घरों की मरम्मत न हो जाए और क्षेत्र से पूरी तरह जलनिकासी न हो, तब तक प्रभावितों के रहने, भोजन और स्वास्थ्य की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन सुनिश्चित करे। उन्होंने यह भी कहा कि नुकसान का सटीक आकलन हो और समुचित सहायता राशि समय पर दी जाए।
- स्थायी समाधान निकालें निरीक्षण :
बिरला हस्तिनापुर फाटक के पास जलमग्न झोंपड़ियों तक भी पहुँचे। यहां की स्थिति देखकर उन्होंने संबंधित विभागों को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। अनंतपुरा गांव में उन्होंने जलमग्न पुलिया और खेतों का निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों से आवागमन व फसल हानि की स्थिति जानी। उन्होंने कहा कि तात्कालिक समाधान के साथ स्थायी समाधान की दिशा में काम करने को कहा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।
- कापरेन बजार में घुम कर देखे हालात :
पाटन के बाद बिरला कापरेन पहुंचे, जहां उन्होंने अड़ीला गांव की बस्तियों और विद्यालय का निरीक्षण किया। कापरेन बाजार में जलभराव की गंभीर स्थिति पर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की और अधिकारियों को जल निकासी के प्रयास तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रशासन को सर्वे कराकर प्रभावितों की सूची तैयार करने, राज्य सरकार को मुआवजे की अनुशंसा भेजने और ज़रूरतमंदों को शीघ्र राहत पहुंचाने के निर्देश दिए।
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