कोटा में रजक समाज में निकली ठाकुर जी वनयात्रा, सात दशकों से चली आ रही परंपरा
News By Media House Rajasthan MHR NEWS DIGITAL Kota Rajasthan
(रवि सामरिया/कोटा, 28 जुलाई 2025)
वशिष्ठ रजक धोबी महासभा समिति, कोटा द्वारा ठाकुर जी वनयात्रा महोत्सव का एक दिवसीय भव्य आयोजन सोमवार को रुद्राक्ष भवन धोबी घाट किशोरपुरा परिसर में संपन्न हुआ। हजारों की संख्या में समाज बंधुओं सहित महिला, पुरुष, बच्चे, युवा व बुजुर्गों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा और नेता प्रतिपक्ष लव शर्मा ने भी विशेष रूप से यात्रा में सम्मिलित होकर समाज को शुभकामनाएं दीं।
महासभा समिति के अध्यक्ष बालचंद रजवानिया ने बताया कि परंपरागत रूप से सुसज्जित ठाकुर जी की सवारी का शुभारंभ टिप्पन की चौकी, श्रीपुरा क्षेत्र से हुआ। यात्रा सब्जी मंडी, किशोरपुरा व आशापुरा माता मंदिर से होती हुई रुद्राक्ष भवन पर महाआरती व भोजन प्रसादी के साथ सम्पन्न हुई। इस पावन यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया पुष्पवर्षा, भजन मंडलियों की प्रस्तुतियां, ढोल-नगाड़ों की गूंज और पारंपरिक स्वागत द्वारों ने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर दुर्गा शक्ति पीठ आश्रम, लखनऊ से पधारे पूज्य संत अशोक महाराज ने ठाकुर जी की विशेष आरती संपन्न कराई। उन्होंने अपने उपदेश में कहा यह महोत्सव न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि समाज की जागरूकता, संस्कृति और आपसी एकता को जीवित रखने का अद्भुत प्रयास भी है। उन्होंने युवाओं को संस्कार और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से जुड़ने का संदेश दिया।
समिति के अध्यक्ष पूर्व अध्यक्ष सूरजमल दाहवा ने बताया कि यह आयोजन पिछले 70 वर्षों से सावन मास में निरंतर होता आ रहा है। यह यात्रा ठाकुर जी की वन यात्रा के प्रतीक स्वरूप नगर भ्रमण है, जो समाज की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवित रखते हुए भाईचारे और संगठन को सुदृढ़ करती है।
इस अवसर पर समाज के कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का सक्रिय सहयोग रहा, जिनमें प्रमुख रूप से महामंत्री पप्पू अखेरिया, कोषाध्यक्ष हनुमान सांवरिया, शंकर लाल सवालख्या, ताराचंद नैनवाया, पूर्व अध्यक्ष सुरजमल दाहवा, अनिल महावर, विनोद बातकी, नारायण द्ववाला, दानमल द्ववाला, नवयुवक मंडल अध्यक्ष संदीप रजवानिया, श्याम दोहडिया, एडवोकेट चंदन वर्मा एवं दादाबाड़ी मित्र मंडल से संदीप वर्मा, सन्नी चौहान आदि का विशेष सहयोग रहा।
वनयात्रा के समापन पर सामूहिक महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से भाग लिया। आयोजन ने रजक समाज की एकजुटता, परंपरा और जन सहभागिता का सशक्त उदाहरण प्रस्तुत किया।
What's Your Reaction?






