गजेंद्र व्यास: कोटा की पत्रकारिता का सशक्त चेहरा, 'राष्ट्र का वाचन' के संपादक और पांच बार प्रेस क्लब अध्यक्ष
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प्रकाशन: मीडिया हाउस राजस्थान | स्थान: कोटा, राजस्थान । कोटा।
शिक्षा नगरी कोटा ने समय-समय पर कई बड़े नाम दिए हैं, लेकिन जब बात जनहितकारी पत्रकारिता की होती है, तो वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र व्यास का नाम विशेष सम्मान से लिया जाता है। वे न केवल 'राष्ट्र का वाचन' अखबार के संस्थापक, मालिक और प्रधान संपादक हैं, बल्कि कोटा प्रेस क्लब के पाँच बार निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने वाले एकमात्र पत्रकार भी हैं।
- तीन दशक की पत्रकारिता, जनता के साथ खड़ा एक नाम :
गजेंद्र व्यास का पत्रकारिता सफर करीब 30 वर्षों से अधिक का है। उन्होंने पत्रकारिता को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा और लोकतंत्र की रक्षा का माध्यम माना है। उनकी लेखनी में जनसरोकार, सच्चाई और निर्भीकता की स्पष्ट झलक मिलती है। वर्षों तक जमीनी पत्रकारिता से जुड़े रहकर उन्होंने वो मुद्दे उठाए, जिन्हें बड़े मीडिया हाउस भी नजरअंदाज करते रहे – चाहे वह किसान आत्महत्याएं हों, सरकारी भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न, या आम जनता की प्रशासनिक उपेक्षा।
- 'राष्ट्र का वाचन' – जनता की बुलंद आवाज़ :
राष्ट्र का वाचन एक दैनिक हिंदी समाचार पत्र है जिसे गजेंद्र व्यास ने शुरू किया। इस पत्र ने छोटे-बड़े शहरों और गांवों में वास्तविक समस्याओं को उजागर कर प्रशासन को भी कई बार कार्यवाही करने पर मजबूर किया। यह अखबार विज्ञापनों से ज़्यादा विश्वसनीय रिपोर्टिंग और तथ्यात्मक लेखों के लिए पहचाना जाता है।
- कोटा प्रेस क्लब में पांच बार अध्यक्ष इतिहास रचने वाला सम्मान :
कोटा प्रेस क्लब का नेतृत्व करना अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। गजेंद्र व्यास ने यह जिम्मेदारी पाँच बार सफलतापूर्वक निभाई, जो प्रेस क्लब के इतिहास में एक मिसाल है। उनके कार्यकाल में क्लब ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल कीं जिनमे पत्रकार सुरक्षा कानून के लिए अभियान, पत्रकारों की आकस्मिक सहायता निधि, मीडिया कार्यशालाएं, संवाद व विचार मंच, महिला पत्रकारों की भागीदारी बढ़ाने की पहल भी चलाई गई।
- सम्मान और उपलब्धियां :
गजेंद्र व्यास कई सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं जिनमें पत्रकारिता रत्न सम्मान मीडिया संगठनों द्वारा, लोकतांत्रिक प्रहरी सम्मान नागरिक मंच द्वारा गजेंद्र व्यास कोटा के युवाओं के लिए पत्रकारिता प्रेरक व्यक्तित्व हैं।
- विवादों से दूर, विचारों से मजबूत :
आज पत्रकारिता पर पक्षपात और प्रभाव का आरोप लगता है, वहीं गजेंद्र व्यास ने निष्पक्षता, पारदर्शिता और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता दी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से समान दूरी रखते हुए वे हमेशा जनता के हित में लिखते आए हैं।
गजेंद्र व्यास का मानना है पत्रकार की सबसे बड़ी जवाबदेही जनता के प्रति होती है, न कि किसी दल या संस्था के प्रति। अगर आपकी कलम से व्यवस्था नहीं डरती, तो फिर वह कलम कलम नहीं महज़ एक साधन है।
गजेंद्र व्यास कोटा की पत्रकारिता का एक ऐसा स्तंभ हैं, जिन्होंने जनआवाज को बुलंद किया, पत्रकारिता की गरिमा को बचाए रखा और पत्रकारों के लिए एक संरक्षक की भूमिका निभाई। 'राष्ट्र का वाचन' उनकी लेखनी का प्रतिबिंब है, जो आने वाली पीढ़ियों को सिखाएगा कि पत्रकारिता सिर्फ खबर देना नहीं, समाज को दिशा देना है।
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