डॉ. एम.एल. अग्रवाल: सेवा, समर्पण और चिकित्सा का प्रेरणास्रोत
MHR News Agency media House Rajasthan

कोटा, राजस्थान। चिकित्सा सेवा को एक मिशन मानकर जीवन भर समाज को समर्पित करने वाले नाम हैं – डॉ. एम.एल. अग्रवाल। वे न केवल एक अनुभवी चिकित्सक हैं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के प्रतीक भी हैं। उनका जीवन आदर्श है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।
- प्रारंभिक जीवन और शिक्षा :
राजस्थान के एक साधारण परिवार में जन्मे डॉ. अग्रवाल ने बचपन से ही अपने व्यवहार, मेहनत और पढ़ाई से अलग पहचान बनाई। चिकित्सा क्षेत्र में रुचि के चलते उन्होंने एमबीबीएस और एमडी की पढ़ाई पूरी की। शिक्षा के बाद उन्होंने अपने करियर को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बना दिया।
- चिकित्सा सेवा में ऐतिहासिक योगदान :
उन्होंने पिछले 30 वर्षों में 5 लाख से अधिक मरीजों का इलाज कर रिकॉर्ड स्थापित किया। कोटा सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में 400+ निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया। गंभीर बीमारियों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोगों में विशेषज्ञता प्राप्त की, कई बार आपातकालीन परिस्थितियों में बिना रुके, बिना सोए मरीजों का जीवन बचाने में जुटे रहे।
- रोचक तथ्य और ऐतिहासिक उपलब्धियां
✅ राजस्थान के पहले मोबाइल क्लिनिक वैन प्रोजेक्ट में सक्रिय भूमिका।
✅ चिकित्सा के क्षेत्र में राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित।
✅ IMA (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के वरिष्ठ पदाधिकारी।
✅ WHO द्वारा हेल्थ हीरो अवॉर्ड में नामांकित।
✅ चिकित्सा क्षेत्र में ‘चिकित्सा श्री सम्मान’ प्राप्त करने वाले गिने-चुने डॉक्टर्स में शामिल। - समाजसेवा में सक्रिय योगदान डॉ. अग्रवाल ने चिकित्सा सेवा को सीमित नहीं रखा, बल्कि जरूरतमंदों की मदद के लिए अनेक योजनाएं भी शुरू कीं। उन्होंने ग्रामीणों के लिए मुफ़्त औषधि वितरण अभियान। रक्तदान शिविर, पोलियो उन्मूलन, और सर्जिकल कैंप आयोजित किए। वृद्धजन और दिव्यांगों के लिए विशेष चिकित्सा दिवस आयोजित किए।
- सम्मान और पुरस्कार :
राजस्थान सरकार, IMA, लायंस क्लब, रोटरी क्लब समेत कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित। चिकित्सा में नवाचार और समाजसेवा के लिए 10+ राष्ट्रीय पुरस्कार। उनके कार्यों की सराहना कई बार मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई।
- प्रेरणास्रोत व्यक्तित्व :
डॉ. अग्रवाल आज भी हर दिन मरीजों की सेवा में जुटे रहते हैं। वे मरीजों को दवा के साथ स्नेह, विश्वास और प्रेरणा भी देते हैं। उनका मानना है कि “मरीज की आधी बीमारी प्यार और भरोसे से ठीक हो जाती है। डॉ. एम.एल. अग्रवाल की जीवन-यात्रा एक जीवित उदाहरण है कि कैसे चिकित्सा सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि समाजसेवा और जीवन उद्धार का माध्यम बन सकती है। वे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।
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