Kota: शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर श्रीगोपाल यज्ञ
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कोटा, 15 जून। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पर समस्त पुष्टिमार्गीय प्रथमगृह की सृष्टि पर श्रीगोपाल यज्ञ किया जाएगा। मथुरेश टेंपल बोर्ड के महामंत्री मोनू व्यास ने बताया कि पाटनपोल स्थित मंदिर पर सोमवार को प्रातः 9 बजे से यज्ञ प्रारंभ होगा। जिसमें पुष्टिमार्ग वल्लभ संप्रदाय की परंपरा के अनुसार आहुतियां दी जाएंगी। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ के पूर्व पीठाधीश नित्य लीलास्थ प्रथमेश महाराज ने 1980 में गोपाल यज्ञ किया था। वहीं उनके पौत्र मिलन कुमार बावा के द्वारा 42 साल बाद सितम्बर 2023 से फिर से गोपाल यज्ञ प्रारम्भ कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि मगंलवार को ठाकुर जी का नौका विहार का मनोरथ होगा।
युवराज मिलन कुमार गोस्वामी ने कहा कि यज्ञ स्वयं नारायण है, यज्ञ ही सबका मूल है। ब्रह्म सदा यज्ञ में विराजमान हैं। पुष्टिमार्ग में प्रारंभ से ही यज्ञ की परंपरा है। इस यज्ञ परंपरा के अनुसार श्रीगोपाल यज्ञ को संपन्न कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हम वर्तमान में वैदिक विधियों पर जितना भी शोधकार्य करेंगे उतना ही हमें पता चलेगा कि हमारी प्राचीन भारतीय वैदिक पद्धति में कितनी वैज्ञानिकता थी। अतः सृष्टि के आरम्भ से ही यज्ञ की परंपरा थी। उसे ऋषियों ने एवं महान पुरुषों ने आगे बढाया उसी परम्परा में श्रीमद्-वल्लभाचार्य के पूर्वजों ने अनेक यज्ञ किए। उसी परम्परा को अनेक पुष्टिमार्गीय पूर्वाचार्यों ने एवं पुष्टिमार्ग की प्रथम पीठ के आचार्यों ने अक्षुण्ण रखा है। श्रीगोपाल यज्ञ का बहुत ही माहात्म्य है। यज्ञ के दर्शन कर भक्त प्रभु की कृपा का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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